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हमारे बारे में

NICCS के विषय में

नार्थ इंडिया कॉलेज ऑफ़ क्रिस्चियन स्टडीज़ (NICCS) हिंदी भाषा केन्द्रित और ग़ैर-रिहाएशी बाइबल कॉलेज है जिसमें एडमिशन लेकर सेवक और अगुवे घर-बैठे, अपनी सेवा/कार्य के साथ-साथ उच्च श्रेणी का ईश्वर – विज्ञान प्रशिक्षण पा सकते हैं. हमारे शिक्षा कार्यक्रम हाइब्रिड प्रणाली में दिए जाते हैं, अर्थात: डिस्टेंस लर्निंग, ऑनलाइन और साल में एक बार दिल्ली में 6 दिवसीय सेमिनार.

NICCS ऐसे अगुवे खड़े करेगा जो अपने अपने सन्दर्भ में असरदार हों, शिक्षित और प्रशिक्षित हों, आत्मिक रूप से जोशीले हों और उत्तर भारत में सेवा कार्यों के लिए सुसज्जित हों. उत्तर भारत में 1% से भी कम लोग प्रभु येशु को जानते हैं. बढ़ती संख्या में प्रशिक्षित अगुवे अधिक से अधिक स्वस्थ कलीसियाओं की स्थापना और निर्माण कर सकते हैं.    

हज़ारों अगुवे जो अच्छे और सही कारणों से सेवा में आते हैं, बाइबल और ईश्वर – विज्ञान के अभाव में, सही और खरी शिक्षा से भटक जाने के खतरे में रहते हैं. NICCS में दिया गया प्रशिक्षण, मार्ग-दर्शन और सहायता उन्हें इस प्रकार के भटकने से बचाएगा.

अधिकाँश हिंदी-भाषी सेवकों की आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए, NICCS बहुत ही न्यूनतम शुल्क लेकर उच्च दर्जे का ईश्वर – विज्ञान प्रशिक्षण देता है.   

दर्शन (विज़न)

ईश्वर – विज्ञान में स्वस्थ, आत्मिक रूप से जोशीले, और व्यावहारिक रूप से असरदार मसीही अगुवे जो उत्तर भारत में महान आदेश की पूर्ती के लिए समर्पित है.

मिशन

पुरुषों और स्त्रीओं को प्रेरणा देना, उन्हें जोड़ना, शिक्षा देना, प्रशिक्षण देना और इस प्रकार सुसज्जित करना कि वह उनके सन्दर्भ में असरदार हो, ईश्वर – विज्ञान में स्वस्थ हो, व्यावहारिक रूप से लाभदायक हो, और आर्थिक रूप से संभव हो, जिससे कि वह उत्तर भारत में फलदायक सेवा कर सकें.

NICCS में क्यों प्रशिक्षण लेना चाहिए?

  1. हिंदी भाषी लोगों के लिए न्यूनतम शुल्क.
  2. आत्मिक जोश, स्वस्थ ईश्वर – विज्ञान और व्यावहारिक सेवा का संतुलन.
  3. अपने काम, सेवा और पारिवार को बिना छोड़े, घर बैठे पढ़ें.
  4. सेवकाई-केन्द्रित प्रशिक्षण.  
  5. प्रशिक्षण के बाद सेवकाई के अवसर.