नार्थ इंडिया कॉलेज ऑफ़ क्रिस्चियन स्टडीज़ (NICCS) ने “दी लुज़ान कोवेनेंट” (The Lausanne Covenant) के विश्वास-कथन को अपनाया है, जोकि विश्व स्तर पर मसीही एकता को दर्शाने का सबसे बड़ा मंच है.
इस विश्वास कथन को विस्तार से यह आप यहाँ पढ़ सकते हैं.
संक्षेप में यह विश्वास-कथन इस प्रकार है:
- हम त्रिएक परमेश्वर पर विश्वास करते हैं – पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा, जो सर्वोपरि है.
- हम पवित्र बाइबल की 66 किताबों की दिव्य प्रेरणा पर विश्वास करते हैं. उनमें कोई गलती नहीं है.
- हम यह विश्वास करते हैं कि येशु मसीह एकमात्र उद्धार का मार्ग है और जगत कि ज्योति है.
- हम सुसमाचार प्रचार पर विश्वास करते हैं.
- हम विश्वास करते हैं कि मसीहीयों को अपने समाज और देश के प्रति कर्तव्यों का पालन करना है और समाज में सेवा करनी है और ज़िम्मेदार नागरिक बनना है. लेकिन हम यह भी मानते हैं कि समाज सेवा उद्धार के सामान नहीं है.
- हम विश्वास करते हैं कि कलीसिया को “जाओ” की आज्ञा मानते हुए अपने सन्दर्भ और समाज में जाना है, और स्वयं केन्द्रित नहीं बनना है.
- हम त्रिएक परमेश्वर और सुसमाचार-केन्द्रित सभी कलीसियाओं की एकता पर विश्वास करते हैं.
- हम सभी जातियों में सुसमाचार प्रचार के लिए सभी कलीसियाओं और सभी प्रकार के मसीही संगठनों और संस्थाओं के प्रयासों को सराहते हैं.
- 2700 मिलियन लोग प्रभु येशु को नहीं जानते हैं. हम इस कार्य की गंभीरता को समझते हैं.
- हम सुसमाचार के कार्य में संस्कृति, पृष्ठभूमि और सन्दर्भ का ध्यान रखते हुए सेवा करने में विश्वास करते हैं.
- हम अगुवों के प्रशिक्षण को प्राथमिकता देते हैं.
- हम विश्वास करते हैं कि आत्मिक मल्युद्ध आत्मिक हथियारों से ही लड़ा जा सकता है.
- हम सताव और विरोध में मज़बूत बने रहने पर विश्वास करते हैं.
- हम पवित्र आत्मा की सम्पूर्ण सामर्थ, सभी फलों और वरदानों में विश्वास करते हैं.
- हम येशु मसीह के द्वितीय आगमन में विश्वास करते हैं और उनका इंतज़ार करते हैं.